करने को नाम अमर है ,
अब तो वीरोंको अवसर है || टेक ||
एक समय होता शांतीका ,
समझ समझ पर ' भर ' है ।
कुटिल लोग जाने न सरलता ,
करते जब तरतर है ॥ १ ॥
भाई कहकर गला काटना ,
करते दोष जबर है ।
ऐसे खलको देत नतीजा ,
सोही होता नर है ॥ २ ॥
हम है अपने देशके वाली ,
हिंमतके बेडर है ।
मरना जीना खेल हमारा ,
हरदम ऊँचा सर है ॥ ३ ॥
लढनेको तरवार खड़ी है
जबाँ कहे हर - हर है ।
मैत्रीको मन मोम हमारा ,
शांतीके कबुतर है ॥ ४ ॥
देश सुरक्षा दलबल साथी ,
आगये जर जेवर है ।
तुकड्यादास कहे भारतका ,
आगे दिन सुन्दर है ॥ ५ ॥
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